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पंखे का प्राचीन इतिहास
प्राचीन काल मे हाथ से फड़फटाने वाले पंखे थे , जिन्हे चीन और भारत मे प्राचीन काल मे इस्तेमाल किया जाता था। ये पंखे बांस या कागज से बनाए जाते थे और उन्हे गर्मी से राहत पाने के लिए उपयोग मे लाया जाता था।
- चीन मे : पंखे का उपयोग लगभग 2,000 साल पहेले किया गया था। चीन मे इन्हे खास रूप से शाही दरबारों मे शीतलता और आराम के लिए प्रयोग किया जाता था।
- भारत मे : भारतीय सांस्कृति मे भी पंखे का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। विशेष रूप से शाही महलों और मंदिरों मे इस्तेमाल होने वाले पंखे जिन्हे ” चँवरी ” कहा जाता था, जो हाथ से फड़फड़ाए जाते थे।
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आधुनिक पंखे का आविष्कार
19वीं सदी के अंत मे स्कायलर स्केट्स व्हीलर ने पहेली बार 1882 मे इलेक्ट्रिक पंखे का आविष्कार किया। यह पंखा एक इलेक्ट्रिक मोटर से चलने वाला था ,और इसका उदेश्य हवा को संचारित कर के गर्मी से राहत देना था। इस पंखे का आविष्कार होने के बाद ,पंखे के डिजाइन मे सुधार हुवा ,और वह घरों ,कार्यालयों और उद्योगों मे एक सामान्य उपकरण बन गया।
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पंखे के विकास के प्रमुख चरण
- 1882 :मे पहला इलेक्ट्रिक पंखा पेश किया गया
- 1900 : पंखे मे सुधार हुवा , और अब उसमे स्लेट और मेटल के पंखे लगाए जाने लगे, जिससे इसकी कार्यक्षमता बढ़ी।
- 1930: पंखे के आकार मे विविधता आई ,और पहेले से ज्यादा पावरफूल मॉडल्स और गति वाले पंखे बाजार मे आए।
- आजकल : पंखे के डिजाइन मे अत्यधिक तकनीकी सुधार हुवा है। अब हमे सीलिंग पंखे , टेबल पंखे और कई अन्य प्रकार के पंखे देखने को मिल जाते है ,जो अधिक ऊर्जा वाले और आराम दायक होते है।
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पंखे का आजकल के जीवन मे महत्व
पंखे का उपयोग हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। गर्मी के मौसम मे पंखा न केवल ठंडक प्रदान करता है , बल्कि यह एयर सर्कुलेसन के लिए भी महत्वपूर्ण होता है ,जिससे कमरे की हवा मे ताजगी महसूस होती है।
- पंखे का उपयोग हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है , क्योंकी यह वातावरण मे ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है और शुद्ध हवा का संचार करता है।
- पंखे का ऊर्जा खर्च भी एयर कंडीशनिग के मुकाबले काफी कम होता है , जिससे यह पर्यावरण और जेब दोनों के लिए फायदेमंद है ।
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पंखे के विभिन्न प्रकार
- सीलिंग पंखा : ये पंखे छत पर लगते है और घरों, ऑफिसों मे आसानी से देखने को मिल जाते है ।
- ब्लेडलेस पंखे : ये आधुनिक पंखे होते है जिनमे कोई ब्लेड नहीं होते , बल्कि एयर सर्कुलेसन के लिए अलग तकनीक का प्रयोग किया जाता है। यह शांत होते है और ज्यादा मात्रा मे ठंडक देते है ।
- टेबल पंखे : ये पोर्टेबल होते है और छोटे कमरों या व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपयुक्त होते है।
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पंखे का पर्यावरण पर प्रभाव
पंखे की तकनीक को लेकर आजकल ऊर्जा दक्षता पर ध्यान दिया जाता है । सीएफ़एल और एलईडी लाइट्स की तरह पंखों मे भी ऊर्जा बचत के लिए नए विकल्प आ रहे है। इससे बिजली की कम खपत होगी , और पर्यावरण पर दबाव कम होता है।
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