- अयोध्या जो उतर प्रदेश का एक जिला है जो सरयू सरयू नदी के तट पर स्थित है। यह एक प्राचीन और एतिहासिक नगर है ,जहां पर वर्तमान मे राम मंदिर का पुन निर्माण हुवा है। आज हम उसके पीछे का सम्पूर्ण इतिहास जाने गे ।
- राम मंदिर,अयोध्या का नाम भारत के इतिहास और सांस्कृति मे अनोखा महत्व रखता है, अयोध्या नगरी हिन्दू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। रामायण कथा के अनुसार अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि है। त्रेता युग मे अयोध्या सूर्यवंशी राजाओ की राजधानी हुवा करती थी। इतिहासकारो और पुराणो की माने तो , अयोध्या नगरी 5000 वर्षों से भी अधिक पुरानी मानी जाती है , हमे स्कंद पुराण और वाल्मीकि रामायण मे इसका उल्लेख देखनो को मिलता है।
- अयोध्या हिन्दूधर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल स्थल है,क्योंकी अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि है ,और श्री राम के जन्म से लेकर उनके पूरे जीवन की घटनाओ का संबध अयोध्या से है ।
- अयोध्या का एतिहासिक महत्व न केवल धार्मिक नजरिए से है,बल्कि प्राचीन नजरीए से भी है,अयोध्या मे खुदाई मे प्राचीन मंदिरों,संरचनाओ और मूर्तिओ के अवशेष भी पाए गए थे । जो अयोध्या की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति की गवाही देते है ।
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राम मंदिर पर विवाद की शरुआत :मंदिर और मस्जिद का झगड़ा
- बाबरी मस्जिद का निर्माण : कहा जाता की 1527 मे मुगल शासक बाबर के आदेश पर ,भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या मे स्थित प्राचीन मंदिरों को तोड़कर वहा पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था।
- मुगलों के समय से ही यह हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए एक पवित्र स्थान था। हिन्दू जो इस स्थान को भगवान श्री राम की जन्मभूमि मानते थे ,तो दूसरी और मुसलमान इसे मस्जिद मानते थे।
- 1858 मे पहेला बड़ा विवाद :यह पहेली बार था जब अयोध्या मे हिन्दू ओर मुस्लिम दोनो समुदायों के बीच झगड़े हुए । इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने वहां पर सुरक्षा के लिए दीवार बनवाई और हिन्दुओ और मुसलमानो के पूजा स्थलों को अलग किया।
- 1949 मे मूर्ति प्रगट होने की घटना : 22 दिसम्बर 1949 मे,बाबरी मस्जिद के अंदर से रामलला की मूर्ति प्रगट होने वाली घटना ने इस विवाद को और बड़ा बना दिया, हिन्दुओ का दावा था की भगवान राम ने वहाँ प्रगट होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। जबकि मुस्लिम इसे एक सोची -समजि सजिस मानते थे।
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राजनीतिक हस्तक्षेप (बीच मे आना )और आंदोलन
- 1984 मे राम जन्मभूमि आदोंलन की शरुआत :विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू किया इस दौरान मंदिर के निर्माण के लिए रथयात्राओ और रेलियों का भी आयोजन किया गया।
- 1992:बाबरी मस्जिद को ध्वंस किया : 6 दिसम्बर 1992 का वो दिन जब हिन्दू परिषद और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह द्वारा बाबरी मस्जिद को ध्वंश कर दिया गया । यह घटना इतिहास मे एक बड़ा मोड थी । इसके बाद तो पूरे देश मे दंगे भड़क गए जिसमे हजारों लोग मारे गए ।

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कानूनी विवाद और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
1993 मे केंद्र सरकार ने विवादित स्थल अधिग्रहित कर लिया । इसके बाद कई पक्षों ने अदालत मे अपनी-अपनी दावेदारी पेश की । इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 मे अपने फैसले मे विवादित भूमि को तीन हिस्सों मे बांटने का आदेश दिया ।
- सुप्रीम कोर्ट का एतिहासिक फैसला : 9 नवंबर 2019 मे सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर राम मंदीर निर्माण का आदेश दे दिया,और साथ ही साथ मुस्लिम पक्ष को अयोध्या मे 5 एकड़ जमीन मस्जिद के निर्माण के लिए देने का निर्देश दिया ।
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राम मंदिर के निर्माण की शरुआत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 के दिन अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया । और फिर तीन,चार साल बाद 22 जनवरी 2022 मे मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया।

और मंदिर परिसर का पूरा निर्माण (जिसमे की अन्य संरचनाए,परिकर्मा मार्ग और भव्यता को बढ़ाने वाले तत्व शामिल है ) जो फरवरी 2025 तक पूरा होने की संभावना है ।
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अयोध्या राम मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक स्थान का पुन:निर्माण नहीं है ,बल्कि यह भारतीय संस्कृती इतिहास और आस्था का प्रतीक है।
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