- गोधरा कांड (27 फरवरी 2002) भारत के इतिहास की भयानक और विवादास्पद घटना है। जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था ,इस घटना मे न केवल गुजरात मे बल्कि पूरे भारत देश मे सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया था । इस लेख मे हम इस घटना के प्रमुख विवरण ,उसके प्रभाव और उसके बाद की स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेंगे ।
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गोधरा कांड का विवरण
27 फरवरी 2002 का वो दिन जब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेसन पर रुकी हुई थी। इस ट्रेन मे अयोध्या से लौटते हुए कारसेवक सवार थे। जिन्होंने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन मे हिस्सा लिया था । सुबह करीब 7:43 बजे साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन गोधरा रेलवे स्टेसन पर खड़ी थी। तभी ट्रेन के s-6 डिब्बे मे आग जल गई । और इस आग मे 59 लोग जिंदा जल गए ,जिसमे ज्यादातर हिन्दू कारसेवक थे ।

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क्या हुवा था उस दिन
- एथलीट के अनुसार ट्रेन पर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमला किया और पेट्रोल ,डीजल डालकर s -6 कोंच को जला दिया .
- और सरकारी जांच रिपोर्ट के अनुसार , यह एक सोची -समजी साजिस थी ,जबकि कुछ संगठनों और समूह ने इसे आकस्मित घटना का करार दिया था ।
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गोधरा कांड के बाद के दंगे
गोधरा कांड के तुरंत बाद गुजरात मे सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे । इन दंगों मे हजारों लोग मारे गए, जिनमे ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग थे ।
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दंगों का प्रभाव
- सरकारी आंकड़े के मुताबिक लगभग 1044 लोग मारे गए ,जबकि गैर -सरकारी समर्थकों का दावा है की संख्या 2000 से अधिक हो सकती है ।
- और बड़ी संख्या मे लोगों के घर और गोदामों को जला दिया गया ।
- और तो और महिलाओ पर अत्याचार और अत्याचार के सिवाय भी शर्मनाक कर देने वाली घटाए सामने आई ।
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न्याय और जांच
- गोधरा कांड और उसके बाद हुई संतों की जांच के लिए कई आयोग और सिमितिया शामिल हुई ।
- 2011 मे विशेष अदालत ने 31 लोगों को दोषी ठहराया और 11 लोगों को फांसी की सजा सुनाई ।
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गोधरा कांड और राजनीति
- गोधरा कांड और उसके बाद भड़के दंगे भारतीय राजनीति मे एक महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित हुई ।
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्धे का इस्तेमाल हिन्दू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए किया ।
- कॉंग्रेस पार्टी और अन्य पार्टीओ ने भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया ।
- नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय स्तर पर उदय हुवा और 2014 मे प्रधानमंत्री बनना भी इस घटना से जुड़े राजनीतिक प्रभाव का हिस्सा है ।
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गोधरा कांड और उसके बाद भड़के दंगे भारत के लिए काले अध्याय के समान है । यह घटना हमारे समाज को याद दिलाती है ,की सांप्रदायिक और अपमान की मात्र निर्धारित हो सकती है । यह आवश्यक है की एसी घटनाओ से हम सब को सबक लेना जाहिए । और एक एसा समाज बनाया जाए ,जहा सभी समुदाय के लोग शांति और सद्भाव से रहे ।
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जय हिन्द …….